Not known Details About Shiv chaisa
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जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्त धाम शिवपुर में पावे॥
कभी-कभी भक्ति करने को मन नहीं करता? - प्रेरक कहानी
शिव आरती
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
भगवान शिव जी की चालीसा के बोल निचे दिए गए हैं। श्री शिव चालीसा प्रारम्भ।
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥
शंकरं, शंप्रदं, सज्जनानंददं, शैल – कन्या – वरं, परमरम्यं ।
जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्त धाम शिवपुर में पावे॥
आज के युग में शिव चालीसा पाठ व्यक्ति के जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। शिव चालीसा लिरिक्स की सरल भाषा के मध्यम भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है।
जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!...
पाठ करे सो पावन हारी ॥ पुत्र हीन कर इच्छा जोई ।
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु मम संकट भारी॥
वेद माहि महिमा तुम गाई। अकथ more info अनादि भेद नहिं पाई॥
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने प्राचीन हनुमान मंदिर में पूजा किया