INDICATORS ON SHIV CHALISA LYRICSL YOU SHOULD KNOW

Indicators on shiv chalisa lyricsl You Should Know

Indicators on shiv chalisa lyricsl You Should Know

Blog Article

थोड़ा जल स्वयं पी लें और मिश्री प्रसाद के रूप में बांट दें।

अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥

शिव आरती

Whosoever provides incense, prasad and performs arti to Lord Shiva, with adore and devotion, enjoys material joy and spiritual bliss In this particular world and hereafter ascends to the abode of Lord Shiva. The poet prays that Lord Shiva taken off the suffering of all and grants them Everlasting bliss.

Devotees who chant these verses with intense enjoy develop into prosperous because of the grace of Lord Shiva. Even the childless wishing to own little ones, have their dreams fulfilled just after partaking of Shiva-Prasad with religion and devotion.

सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं - भजन

जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥

अर्थ: हे शिव शंकर भोलेनाथ आपने ही Shiv chaisa त्रिपुरासुर (तरकासुर के तीन पुत्रों ने ब्रह्मा की भक्ति कर उनसे तीन अभेद्य पुर मांगे जिस कारण उन्हें त्रिपुरासुर कहा गया। शर्त के अनुसार भगवान शिव ने अभिजित नक्षत्र में असंभव रथ पर सवार होकर असंभव बाण चलाकर उनका संहार किया था) के साथ युद्ध कर उनका संहार किया व सब पर अपनी कृपा की। हे भगवन भागीरथ के तप से प्रसन्न हो कर उनके पूर्वजों की आत्मा को शांति दिलाने की उनकी प्रतिज्ञा को आपने पूरा किया।

* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!...

कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥

जीत के लंक विभीषण दीन्हा ॥ सहस कमल में हो रहे धारी ।

तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने प्राचीन हनुमान मंदिर में पूजा किया

Report this page